Tamarind Benefits in Hindi
- हिचकी बंद करने के लिए
- हिचकी चलने पर इमली का पानी पीने से हिचकी बंद हो जाती है।
- गर्मी का बुखार पिलीया में इमली का पानी पीना फायदेंमंद होता है।
- रक्तस्त्रावि बवासीर में इमली के पत्तों का रस पीने से लाभ होता है।
- शराब के नशे का प्रभाव कम करने के लिए इमली का शरबत फायदेमंद होता है।
प्रदर, स्वप्नदोष, मर्दाना शक्तिवर्धक (Sexual Power)
- Tamarind Benefits in hindi language – इमली काम में लेने के बाद बीजों को फेंक दिया जाता हैं | इसके बीजों को फेंकना नहीं चाहिए | यह बहुत ही फायदेमेंद होते हैं | 250 ग्राम इमली के बीज भाड़ में भुनवा लें या घर में ही सेंक लें | फिर इनको कूटकर, छिलका उतार लें और पीसलें | इसमें 250 ग्राम खाड़ को मिला लें | इसकी 2 चम्मच रोजाना सुबह के समय गर्म दूध से खालें | यह प्रदर, स्वप्नदोष और मरदानाशक्ति बढ़ाने में लाभदायक होगी |
शीघ्रपतन बढ़ाने के लिये (Shighrapatan)
- आधा किलो इमली के बीज चार दिन पानी में भिगोये और फिर छिलके उतारकर छाया में सुखाएं सूखने पर सामान भाग में मिश्री मिलाकर पिसे | चौथाई चम्मच रोजाना दूध से सुबह-शाम इसकी फंकी लें | 50 दिन सेवन करने से शीघ्रपतन बिलकुल दूर हो जायेगा | वीर्य गाढ़ा हो जायेगा |
फोडे फुंसी, व्रण को ठीक करें
- imli ke fayde – 25 ग्राम इमली एक गिलास पानी में मथकर मिलाकर पीने से इसमें फायदे होते है। इमली के बीजों को उबालकर पीसकर फोडों व सुजन पर लगाने से आराम मिलता है।
पाचन शक्ति बढ़ाने के लिये (Immune System Power)
- 50 ग्राम इमली एक गिलास पानी में भिगो दें भिगने पर इसे मथकर पानी में मसल कर छांन लें इसमें अपने टेस्ट के हिसाब से चीनी सेंककर पीसा हुआ जीरा कालीमिर्च मिलाकर पियें इससे भोजन पचता हैं भूख भी अच्छी लगती है।
अस्थि रोग – फ्लोरेसिस
- यह एक अस्थि रोग है। जब हम फलोराइड आयरन से युक्त पानी पीते हैं तो इस स्थिति में फलोेरिसि रोग हो जाता हैं। इस रोग में दांत खराब और पीले पड जाते है। गल जाते है। और हडियों का भार भी बड जाता है। जोडों में जकडन होती हे, और मेरूदण्ड में एठन हो जाती है। ऐसी स्थिति में इमली का पानी पिए। इमली का पानी फलोरेसिस आयन ख़त्म कर देता । इमली के पानी में नमक मिलाकर पीने से फलोराइड आयन हटाने की क्षमता 40 गुना बढ जाती है।
केंसर के मरीजों के लिए (Cancer Disease)
- केंसर से पीढीत व्यक्ति रोजाना इमली और अनारदाना का सेवन करता रहे तो उसकी उम्र दस वर्ष तक बढ सकती है। केंसर के रोगी को रोटी नहीं खाना चाहिए उसके बदले चांवल को ही खाना चाहिए।
Imli Ke Fayde Labh Hindi Me
पेशाब में जलन होना
- इमली भिगोकर (डुबोकर) पानी मे मथकर छांन लें, यह इमली का पानी है, इसमें शक्कर या मिश्री मिलाकर पीने से पेशाब की जलन दूर हो जाती हैं |
बहुमूत्र की शिकायत (बार-बार पेशाब आना)
- रात को इमली के दस बीच पानी में डूबों दें सुबह उनके छिलके उतारकर दूध डालकर पीसकर आधा ग्लास गर्म दूध में शकर मिलाकर उसमे पीसी हुई इमली के बीज मिलाकर कर रोजाना पीयें, बार-बार पेशाब आना बंद हो जायेगी।
बिच्छु काटने पर इलाज
- इमली के बीज को तोडकर दो फांक करके भिगोकर बिच्छु काटे स्थान पर दबाकर रखें, बीज वहां चिपक जायेगा, यह फांक बीज चुसकर अपने आप उतर जायेगी निकल जाएगी | benefits of tamarind tree in hindi me full info.
लू लगने पर (लू से बचाव)
- एक गिलास पानी में 25 ग्राम इमली को भिगोकर इसका पानी पीने से गर्मी में लू नहीं लगती। पकी हुई इमली के गुदे को हाथ व पैरों के तले पर मलने से लू का असर मिटता हे।
50 ग्राम इमली आधा किलों पानी में 2 घंटे भिगोकर मथे और मसलें इसमें स्वाद के हिसाब से कोई भी मिठी चीज जैसे बुरा, मिश्री चीनी मिलाकर छांन लें और पी जायें इससे गर्मी में लू लगना बेचेनी जी मचलना आदि ठीक हो जाते हैं।
अम्लपित्त (Acidity Ko Khatm Kare)
- 2 पकी हुई इमली के छिलके हटाकर मिटटी के एक कुल्हड में रात को भिगो दें, सुबह इमली इस पानी में मलकर मसलकर पानी छांनकर उसमे पीसी मिश्री अपने टेस्ट के हिसाब से मिलाकर रोजाना 10 दिन तक पीयें लाभ होगा।
संगृहणी के रोगियों के लिए
- इमली के बीज पीसकर आधा चम्मच चूर्ण की ठण्डे पानी से रोजाना तीन बार फांकी लें कुछ दिन में संगृहणी ठीक हो जायेगी।
- एक ग्लास पानी में अपने स्वाद के अनुसार इमली का गुदा भिगोकर मथकर इमली का खट्टा पानी छांनकर उसमें अपने स्वाद के अनुसार सेंधा नमक मिला लें, एक टुकडा केले का खाकर तीन घुंट यह पानी पीयें इस तरह एक केला थोडा-थोडा खाकर यह पानी पीयें, इस तरह रोजाना तीन बार एक-एक केला इमली के पानी के साथ खायें। जल्द संगृहणी ठीक हो जायेगी।
स्वादिष्ट शरबत
- एक ग्लास पानी में सुखी पकी हुई इमली चार घंटे अच्छे से भिगोकर मसलकर पानी छांन लें फिर इसमें अपने टेस्ट के हिसाब से गुड़, पीसी दालचीनी, कालीमिर्च, छोटी इलायची मिलाकर धीरे-धीरे स्वाद लेकर पीये, यह शरबत (पेय) बहुत स्वादिष्ट लगेगा, खाना खाने में रूचि पैदा करेगा।
बच्चों के कब्ज दूर करने के लिए
- एक इमली का गुदा एक कप पानी में उबालकर चीनी डालकर बच्चे को पिलाने से कब्ज दूर हो जाती हैं।
गुहेरी (आंख की पलकों पर फुंसी)
- इमली के बीजों की गिरी पत्थर पर चंदन की तरह घीसकर गुहेरी पर लगायें इससे तुरन्त ठण्डक पहुंचेगी। यह गुहेरी के लिए सबसे उत्तम प्रयोग है।
उलटी और भांग का नशा
- इमली को पानी में भिगोकर इसका रस पीने से ठीक हो जाता हैं |
ठंडा जल पेय
- एक ग्लास पानी में अपने टेस्ट के हिसाब से इमली और शकर मिला लें, एक घंटे बाद इमली को मथकर छांनकर इसका पानी पीयें इमली के साथ गुड का संयोग इमली से होने वाले विकारों को मिटाता हे।
भूख बढ़ने के लिये (शक्तिवर्धक)
- 25 ग्राम इमली को 500 ग्राम पानी में भिगोकर मसलकर छांन लें इसमें 50 ग्राम मिश्री एक छोटी चम्मच दालचीनी 4 लोंग, 4 इलायची सब पिसी हुई मिला लें , रोगों से मुक्त होने के बाद होने वाली कमजोरी को मिटाने में और वात संबधी समस्याओं को दूर करने में यह शरबत बहुत फायंदेमंद होता है और साथ ही यह भूख भी बडाता है।
हेजा दूर करने के लिये
- इमली और लहसुन समान मात्रा में पीसकर छोटी-छोटी गोलीयां बनायें हर 15 मिनट बाद एक गोली 2 चम्मच प्याज के रस में घोलकर पीलायें जब तक लाभ नहीं हो इसी प्रकार देते रहें। हेजा ठीक हो जायेगा।
पित्त की शिकायत
- पित्त में इमली का शरबत पीना लाभदायक होता है।
ह्रदय में जलन होना (Heart Patient)
- मिश्री के साथ पकी हुई इमली का रस या भिगी इमली का पानी पीने से हदय की जलन मिटती है।
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